अच्युत अनंत गोविन्द मंत्र| रोगों और कष्टों को दूर करने के लिए शक्तिशाली विष्णु मंत्र | उपचार मंत्र | अच्युत अनंत गोविन्द कृष्ण मंत्र | अच्युताय नमः अनन्ताय नमः गोविन्दाय नमः मंत्र लाभ | Achyutaya namah Anantaya namah Govindaya namah | Vishnu mantra to cure diseases | healing mantra
Subscribe on Youtube: The Spiritual Talks
Follow on Pinterest: The Spiritual Talks
अच्युत, अनंत, गोविंद मंत्र: “अच्युतानन्त गोविन्द नामोच्चारण भेषजात्। नश्यन्ति सकला रोगाः सत्यं सत्यं वदाम्यहम्॥” यह मंत्र भगवान विष्णु के तीन नामों – अच्युत, अनंत और गोविंद का जाप है, जिसका अर्थ है कि इन नामों के उच्चारण से सभी रोग नष्ट हो जाते हैं. यह मंत्र रोगनाशक माना जाता है और इसका जाप श्रद्धा और विश्वास के साथ करने से लाभ होता है।
मंत्र का अर्थ:
अच्युत: वह जो कभी नष्ट नहीं होता, जो अपरिवर्तनीय है।
अनंत: वह जो असीम और अनंत है।
गोविंद: भगवान विष्णु का एक नाम, जो गायों के रक्षक और आनंद के स्रोत हैं।
यह मंत्र भगवान विष्णु के इन तीन नामों का जाप है, जो रोगनाशक माने जाते हैं।
आप दिन भर इन नामों जाप कर सकते हैं या सुन सकते हैं। किसी भी दवाई को खाने से पहले 3 बार इन नामों का उच्चारण कर के खाने से रोग में जल्दी आराम मिलता है और औषधि ज्यादा जल्दी असर दिखाती है ।
यह मंत्र भगवान विष्णु के तीन नामों का जाप है, जो रोगनाशक माने जाते हैं। इस मंत्र का जाप श्रद्धा और विश्वास के साथ करने से लाभ होता है।
हमारे शरीर में जो भी रोग होते हैं, वे हमारे पूर्वजन्म में या इस जन्म में किए गए पापों के कारण होते हैं। भगवान का नाम जपने से पापों का नाश होने लगता है और इस कारण पाप से होने वाले रोग भी ठीक होने लगते हैं। प्रारब्ध के कारण होने वाली बीमारी को खत्म करने में दवाएं नाममात्र का ही काम करती हैं। मूल रूप से जैसे ही नियति समाप्त होती है, रोग भी गायब हो जाता है।
संसार में ऐसा कोई रोग नहीं है जो प्रारब्ध-कर्म के नाश होने पर ठीक न हो सके। इसीलिए शास्त्रों में प्रतिदिन भगवान के नाम का जाप करने की बात कही गई है।
दृढ़ विश्वास, भक्ति, ईश्वर के प्रति सच्चा प्रेम और आस्तिक होने की भावना के साथ भगवान अपने भक्तों के कष्टों से निजात जरूर लेते हैं। सब कुछ भगवान पर छोड़ देने से मनुष्य निश्चिन्त हो जाता है और उसकी सभी परेशानियों का अंत हो जाता है। यह सिर्फ विश्वास करने की बात है।
अच्युत, अनंत, गोविंद… ये विष्णु के तीन नाम हैं, जो उपचार प्रक्रिया की कुंजी हैं। विष्णु अपने अंतर्निहित गुणों से कभी नहीं हटते। वे कभी नहीं बदलते, लेकिन स्थिर और स्थिर रहते हैं, कोई उतार-चढ़ाव नहीं। ऐसा व्यक्ति सदा अपने सच्चे स्व में स्थित होता है।
भगवान विष्णु बनाने, संरक्षित करने, नष्ट करने जैसे विशाल कार्यों और कार्यों के लिए जिम्मेदार हैं, फिर भी स्वयं के भीतर होने की स्थिति है जिसमें शून्य उतार-चढ़ाव है। पूर्ण सत्य की एक अवस्था जो हमेशा स्थिर और स्थिर रहती है। यह मंत्र हमें निरपेक्ष के अनुभव में स्थिर होने में मदद करता है।
Be a part of this Spiritual family by visiting more spiritual articles on:
For more divine and soulful mantras, bhajan and hymns:
Subscribe on Youtube: The Spiritual Talks
For Spiritual quotes , Divine images and wallpapers & Pinterest Stories:
Follow on Pinterest: The Spiritual Talks
For any query contact on:
E-mail id:thespiritualtalks01@gmail.com