Shri Lakshmi Suktam with Hindi Meaning

Shri Lakshmi Suktam with Hindi Meaning | पढ़ें श्री लक्ष्मी सूक्त हिन्दी अनुवाद के साथ | श्री लक्ष्मी सूक्त हिंदी अर्थ सहित |

Subscribe on Youtube:The Spiritual Talks

Follow on Pinterest:The Spiritual Talks

 

 

 

श्री लक्ष्मीसूक्त॥

 

 

Shri Lakshmi Suktam with Hindi Meaning

 

 

 

पद्मानने पद्मविपद्मपत्रे पद्मप्रिये पद्मदलायताक्षि।

विश्वप्रिये विष्णुमनोऽनुकूले त्वत्पादपद्मं मयि सं नि धत्स्व ॥१॥

 

कमल के समान मुख वाली ! कमलदल पर अपने चरणकमल रखने वाली ! कमल में प्रीति रखने वाली ! कमलदल के समान विशाल नेत्रों वाली ! समग्र संसार के लिये प्रिय ! भगवान विष्णु के मन के अनुकूल आचरण करने वाली ! आप अपने चरणकमल को मेरे हृदय में स्थापित करें ॥१॥

 

पद्मानने पद्मऊरु पद्माक्षि पद्मसम्भवे।

तन्मे भजसि पद्माक्षि येन सौख्यं लभाम्यहम् ॥२॥

 

 कमल के समान मुखमण्डल वाली ! कमल के समान ऊरुप्रदेश वाली ! कमल के समान नेत्रों वाली ! कमल से आविर्भूत होने वाली ! पद्माक्षि ! आप उसी प्रकार मेरा पालन करें, जिससे मुझे सुख प्राप्त हो ॥२॥

 

अश्वदायि गोदायि धनदायि महाधने।

धनं मे जुषतां देवि सर्वकामांश्च देहि मे ॥३॥

 

 अश्वदायिनी, गोदायिनी, धनदायिनी, महाधनस्वरूपिणी हे देवि ! मेरे पास सदा धन रहे, आप मुझे सभी अभिलिषित वस्तुएँ प्रदान करें ॥३॥

 

पुत्रपौत्रधनं धान्यं हस्त्यश्वाश्वतरी रथम्।

प्रजानां भवसि माता आयुष्मन्तं करोतु मे ॥४॥

 

 आप प्राणियों की माता हैं। मेरे पुत्र, पौत्र, धन, धान्य, हाथी, घोड़े, खच्चर तथा रथ को दीर्घ आयु से सम्पन्न करें ॥४॥

 

धनमग्निर्धनं वायुर्धनं सूर्यो धनं वसुः।

धनमिन्द्रो बृहस्पतिर्वरुणो धनमश्विना ॥५॥

 

अग्नि, वायु, सूर्य, वसुगण, इन्द्र, बृहस्पति, वरुण तथा अश्विनी कुमार – ये सब वैभव स्वरुप हैं ॥५॥

 

 

श्री लक्ष्मी सूक्त हिंदी अर्थ सहित

 

 

 

वैनतेय सोमं पिब सोमं पिबतु वृत्रहा।

सोमं धनस्य सोमिनो मह्यं ददातु सोमिनः ॥६॥

 

 हे गरुड ! आप सोमपान करें। वृत्रासुर के विनाशक इन्द्र सोमपान करें। वे गरुड तथा इन्द्र धनवान सोमपान करने की इच्छा वाले के सोम को मुझ सोमपान की अभिलाषा वाले को प्रदान करें ॥६॥

 

न क्रोधो न च मात्सर्यं न लोभो नाशुभा मतिः।

भवन्ति कृतपुण्यानां भक्त्या श्रीसूक्तजापिनाम् ॥७॥

 

भक्तिपूर्वक श्री सूक्त का जप करनेवाले, पुण्यशाली लोगों को न क्रोध होता है, न ईर्ष्या होती है, न लोभ ग्रसित कर सकता है और न उनकी बुद्धि दूषित ही होती है ॥७॥

 

सरसिजनिलये सरोजहस्ते

धवलतरांशुकगन्धमाल्यशोभे।

भगवति हरिवल्लभे मनोज्ञे

त्रिभुवनभूतिकरि प्र सीद मह्यम् ॥८॥

 

हे कमलवासिनी, हाथ में कमल धारण करने वाली, अत्यन्त धवल वस्त्र, गन्धानुलेप तथा पुष्पहार से सुशोभित होने वाली, भगवान विष्णु की प्रिया लावण्यमयी तथा त्रिलोकी को ऐश्वर्य प्रदान करने वाली हे भगवति ! मुझ पर प्रसन्न होइये॥८॥

 

विष्णुपत्नीं क्षमां देवीं माधवीं माधवप्रियाम्।

लक्ष्मीं प्रियसखीं भूमिं नमाम्यच्युतवल्लभाम् ॥९॥

 

 भगवान विष्णु की भार्या, क्षमास्वरूपिणी, माधवी, माधवप्रिया, प्रियसखी, अच्युतवल्लभा, भूदेवी भगवती लक्ष्मी को मैं नमस्कार करता हूँ ॥९॥

 

महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णुपत्न्यै च धीमहि।

तन्नो लक्ष्मीः प्रचोदयात् ॥१०॥

 

 हम विष्णु पत्नी महालक्ष्मी को जानते हैं तथा उनका ध्यान करते हैं। वे लक्ष्मीजी सन्मार्ग पर चलने के लिये हमें प्रेरणा प्रदान करें॥१०॥

 

आनन्दः कर्दमः श्रीदश्चिक्लीत इति विश्रुताः।

ऋषयः श्रियः पुत्राश्च श्रीर्देवीर्देवता मताः ॥११॥

 

 पूर्व कल्प में जो आनन्द, कर्दम, श्रीद और चिक्लीत नामक विख्यात चार ऋषि हुए थे। उसी नाम से दूसरे कल्प में भी वे ही सब लक्ष्मी के पुत्र हुए। बाद में उन्हीं पुत्रों से महालक्ष्मी अति प्रकाशमान शरीर वाली हुईं, उन्हीं महालक्ष्मी से देवता भी अनुगृहीत हुए ॥११॥

 

ऋणरोगादिदारिद्र्यपापक्षुदपमृत्यवः।

भयशोकमनस्तापा नश्यन्तु मम सर्वदा ॥१२॥

 

 ऋण, रोग, दरिद्रता, पाप, क्षुधा, अपमृत्यु, भय, शोक तथा मानसिक ताप आदि – ये सभी मेरी बाधाएँ सदा के लिये नष्ट हो जाएँ ॥१२॥

 

श्रीर्वर्चस्वमायुष्यमारोग्यमाविधाच्छोभमानं महीयते।

धनं धान्यं पशुं बहुपुत्रलाभं शतसंवत्सरं दीर्घमायुः ॥१३॥

 

 भगवती महालक्ष्मी मानव के लिये ओज, आयुष्य, आरोग्य, धन-धान्य, पशु, अनेक पुत्रों की प्राप्ति तथा सौ वर्ष के दीर्घ जीवन का विधान करें और मानव इनसे मण्डित होकर प्रतिष्ठा प्राप्त करें। अर्थात इस लक्ष्मी सूक्त का पाठ करने से व्यक्ति श्री , तेज , आयु , स्वास्थ्य से युक्त हो कर शोभायमान रहता है । वह धन – धान्य व पशु धन से संपन्न , पुत्रवान होकर दीर्घायु होता है ।

 

 

 

 

 

Be a part of this Spiritual family by visiting more spiritual articles on:

The Spiritual Talks

For more divine and soulful mantras, bhajan and hymns:

Subscribe on Youtube: The Spiritual Talks

For Spiritual quotes , Divine images and wallpapers  & Pinterest Stories:

Follow on Pinterest: The Spiritual Talks

For any query contact on:

E-mail id: thespiritualtalks01@gmail.com

 

 

 

 

श्री लक्ष्मी सूक्त

By spiritual talks

Welcome to the spiritual platform to find your true self, to recognize your soul purpose, to discover your life path, to acquire your inner wisdom, to obtain your mental tranquility.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!