Tulsi namashtak

तुलसी नामाष्टक | तुलसी नामाष्टक पढ़ने के लाभ | Tulsi Namashtak | Benefits of Tulsi Namashtak | Eight names of Tulsi | तुलसी जी के आठ नाम | सार्थक नामावली स्तोत्र (नामाष्टक)| वृन्दां वृन्दावनीं विश्वपावनीं विश्वपूजिताम्

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Tulsi namashtak

 

 

 

  तुलसी नामाष्टक  द्वारा तुलसी जी का पूजन करने से मनुष्य सभी पापों से मुक्त हो जाता है और विष्णुलोक में जाता है । विशेष रूप से कार्तिक एकादशी, तुलसी विवाह में और कार्तिक पूर्णिमा के दिन तुलसी पूजन करने से मनुष्य को अत्यंत पुण्य प्राप्त होता है । साथ ही कार्तिक महीने में विष्णु जी को तुलसी अर्पित करने से सहस्त्र गौ दान करने का पुण्य मिलता है।

 

 

सार्थक नामावली स्तोत्र (नामाष्टक)

 

 

वृन्दां वृन्दावनीं विश्वपावनीं विश्वपूजिताम् ।

पुष्पसारां नन्दिनीं च तुलसीं कृष्णजीवनीम् ॥

एतन्नामाष्टकं चैतत्स्तोत्रं नामार्थसंयुतम् ।

यः पठेत्तां च संपूज्य सोऽश्वमेधफलं लभेत् ॥

 

अर्थ: वृंदा , वृंदावनी , विश्वपावनी , विश्वपूजिता , पुष्पसारा , नंदिनी , तुलसी और कृष्ण जीवनी यह तुलसी जी के आठ नाम है। यह सार्थक नामावली स्तोत्र के नाम से जाना जाता है। जो तुलसीजी की पूजा करके इस नामाष्टक को पढ़ता है उसे अश्वमेध यज्ञ का फल मिलता है।

 

 

सार्थक नामावली स्तोत्र- Tulsi Namashtak

 

तुलसी जी के 8 पवित्र नाम 

 

1. वृंदा

2. वृंदावनी 

३. विश्वपावनी

४. विश्वपूजिता

५. पुष्पसारा

६. नंदिनी

७. तुलसी

८. कृष्ण जीवनी

 

 

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