Yugalashtakam Hindi Lyrics with meaningJivane na dhane nityam

Shri Yugalashtakam Hindi Lyrics | श्री युगलाष्टकम हिंदी अर्थ सहित- जीवने न धने नित्यं राधाकृष्णगतिर्मम |श्री वल्लभाचार्य द्वारा रचित युगल गीत | Yugalashtakam | Yuglashtakam | Yugalashtak | Yugal Ashtak | Yugalashtakam Hindi Lyrics | Yugalashtakam with Hindi Meaning | Yugalashtakam in Hindi | Shri Yugalashtakam composed by Shri Vallabhacharya | Jeevane Na Dhane Nityam | Radha Krishn Gatirmama | युगलाष्टकम | युगल अष्टकम | श्री युगलाष्टकम | जीवने न धने नित्यं | राधा कृष्ण गतिर्मम | युगल गीत | Jivane Nidhane Nityam | Krishna Song | Radha Krishna Song | कृष्ण भजन | कृष्ण स्तुति 

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Yugalashtakam Hindi Lyrics with meaning
Jivane na dhane nityam

 

 

 

श्री वल्लभाचार्य द्वारा रचित युगलाष्टकम् “राधा कृष्ण का युगल गीत” है जो उनके श्री चरणों में प्रीत जगा दे।

श्री वल्लभाचार्य द्वारा रचित युगलाष्टकम् में  “जीवन न धने” नित्यंराधाकृष्णगतिर्मम पंक्ति का प्रयोग हुआ है जिसका अर्थ है “जीवन के नित्य धनस्वरुप श्रीराधाकृष्ण मेरा आश्रय हों “।

जब कि श्री जीव गोस्वामी कृत युगलाष्टकम् में “जीवन निधने” नित्यंराधाकृष्णगतिर्मम पंक्ति का प्रयोग हुआ है जिसका अर्थ है “जीवन में या मृत्यु में, राधा और कृष्ण मेरे शाश्वत आश्रय हैं।”

 

 

कृष्णप्रेममयी राधा ।

राधाप्रेममयो हरिः ।

जीवने न धने नित्यं

राधाकृष्णगतिर्मम ॥ १ ॥

 

श्रीराधारानी श्रीकृष्ण प्रेम से ओत-प्रोत हैं और श्रीकृष्ण श्रीराधारानी के प्रेम से ओत-प्रोत हैं।

जीवन के नित्य धन स्वरुप श्रीराधाकृष्ण मेरा आश्रय हों ॥१॥

 

कृष्णस्य द्रविणं राधा ।

राधायाः द्रविणं हरिः ।  

जीवने न धने नित्यं

राधाकृष्णगतिर्मम ॥ २ ॥

 

श्रीकृष्ण का धन श्रीराधारानी जी हैं और श्रीराधारानी जी का धन श्रीकृष्ण हैं।

जीवन के नित्य धन स्वरुप श्रीराधाकृष्ण मेरा आश्रय हों ॥२॥

 

 

Shri Yugalashtakam Hindi Lyrics 

 

 

 

Shri Yugalashtakam Hindi Lyrics

 

 

कृष्णप्राणमयी राधा ।

राधाप्राणमयो हरिः ।

जीवने न धने नित्यं

राधाकृष्णगतिर्मम ॥ ३ ॥

 

श्रीकृष्ण के प्राण श्रीराधारानी जी में बसते हैं और श्रीराधारानी जी के प्राण श्रीकृष्ण में बसते हैं ।

जीवन के नित्य धन स्वरुप श्रीराधाकृष्ण मेरा आश्रय हों ॥३॥

 

कृष्णद्रवामयी राधा ।

राधा द्रवामयो हरिः ।

जीवने न धने नित्यं

राधाकृष्णगतिर्मम ॥ ४ ॥

 

श्रीकृष्ण के नाम से श्रीराधारानी जी प्रसन्न होती हैं और श्रीराधारानी जी के नाम से श्रीकृष्ण प्रसन्न होते हैं।

जीवन के नित्य धन स्वरुप श्रीराधाकृष्ण मेरा आश्रय हों ॥४॥

 

कृष्ण गेहे स्थित राधा ।

राधा गेहे स्थितो हरिः ।  

जीवने न धने नित्यं

राधाकृष्णगतिर्मम ॥ ५ ॥

 

(मन से) श्रीराधारानी जी श्रीकृष्ण के घर में स्थित हैं और श्रीकृष्ण श्रीराधारानी जी के घर में स्थित हैं ।

जीवन के नित्य धन स्वरुप श्रीराधाकृष्ण मेरा आश्रय हों ॥५॥

 

कृष्णचित्तस्थित राधा ।

राधा चित्तस्थितो हरिः ।

जीवने न धने नित्यं

राधाकृष्णगतिर्मम ॥ ६ ॥

 

श्रीराधारानी जी के मन में श्रीकृष्ण स्थित हैं और श्रीकृष्ण के मन में श्रीराधारानी जी स्थित हैं ।

जीवन के नित्य धन स्वरुप श्रीराधाकृष्ण मेरा आश्रय हों ॥६॥

 

नीलाम्बर धरा राधा ।

पीताम्बर धरो हरिः ।  

जीवने न धने नित्यं

राधाकृष्णगतिर्मम ॥ ७ ॥

 

श्रीराधारानी जी नीले वस्त्र धारण करती हैं और श्रीकृष्ण पीले वस्त्र धारण करते हैं ।

जीवन के नित्य धन स्वरुप श्रीराधाकृष्ण मेरा आश्रय हों ॥७॥

 

वृन्दावनेश्वरी राधा ।

कृष्णो वृन्दावनेश्वरः ।

जीवने न धने नित्यं

राधाकृष्णगतिर्मम ॥ ८ ॥

 

वृन्दावन की ईश्वरी हैं श्रीराधारानी जी और वृन्दावन के ईश्वर हैं श्रीकृष्ण ।

जीवन के नित्य धन स्वरुप श्रीराधाकृष्ण मेरा आश्रय हों ॥८॥

 

 

Shri Yugalashtakam English Lyrics

 

 

Yugalashtakam English Lyrics with Meaning

 

 

 

Yugalashtakam Hindi Lyrics with meaning-युगलाष्टकम

 

 

 

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