रामाष्टक – Ramashtak ( कृतार्तदेववन्दनं दिनेशवंशनन्दनम् )

 श्री रामाष्टकं हिंदी अर्थ सहित | श्रीरामाष्टकम् | श्री परमहंस स्वामी ब्रह्मानन्द द्वारा रचित रामाष्टकं | रामाष्टकं हिंदी अर्थ सहित | Ramashtakam with hindi meaning | Shri Ramashtakam hindi lyrics with meaning | रामाष्टक – Ramashtak ( कृतार्तदेववन्दनं दिनेशवंशनन्दनम् )

Subscribe on Youtube:The Spiritual Talks

Follow on Pinterest:The Spiritual Talks

 

 

 

श्री रामाष्टकं हिंदी अर्थ सहित

 

 

 

यह रामाष्टकं स्वामी ब्रह्मानंद द्वारा रचित है । जो भी व्यक्ति इस रामाष्टक को एकाग्रचित्त से निरन्तर पढ़ता है, उसे किसी भी प्रकार का कोई भय नहीं होता है। उसे श्री राम की कृपा से सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होती है ।

|| श्रीरामाष्टकम् ||

 

 

श्री परमहंस स्वामी ब्रह्मानन्द द्वारा रचित रामाष्टकं

 

कृतार्तदेववन्दनं दिनेशवंशनन्दनम् ।

सुशोभिभालचन्दनं नमामि राममीश्वरम् ॥ १॥

 

आर्त देवताओं ने जिनकी वन्दना की है, जो सूर्यवंश को आनन्दित करनेवाले हैं तथा जिनके ललाट पर चन्दन सुशोभित है, उन परमेश्वर राम को मैं नमस्कार करता हूँ॥१॥

 

मुनीन्द्रयज्ञकारकं शिलाविपत्तिहारकम् ।

महाधनुर्विदारकं नमामि राममीश्वरम् ॥ २॥

 

जो मुनिराज विश्वामित्र का यज्ञ सम्पन्न करानेवाले, पाषाणरूपा अहल्या का कष्ट निवारण करनेवाले तथा श्रीशङ्कर का महान् धनुष तोड़नेवाले हैं, उन परमेश्वर राम को मैं नमस्कार करता हूँ॥ २ ॥

 

स्वतातवाक्यकारिणं तपोवने विहारिणम् ।

करे सुचापधारिणं नमामि राममीश्वरम् ॥ ३॥

 

जो अपने पिता के वचनों का पालन करनेवाले, तपोवन में विचरनेवाले और हाथों में धनुष धारण करनेवाले हैं, उन परमेश्वर राम को मैं नमस्कार करता हूँ॥३॥

 

 

रामाष्टक – Ramashtak ( कृतार्तदेववन्दनं दिनेशवंशनन्दनम् )

 

 

कुरङ्गमुक्तसायकं जटायुमोक्षदायकम् ।

प्रविद्धकीशनायकं नमामि राममीश्वरम् ॥ ४॥

 

जिन्होंने मायामृग पर बाण छोड़ा था, जटायु को मोक्ष प्रदान किया था तथा कपिराज बाली को विद्ध किया था, उन परमेश्वर राम को मैं नमस्कार करता हूँ॥४॥

 

प्लवङ्गसङ्गसम्मतिं निबद्धनिम्नगापतिम् ।

दशास्यवंशसङ्क्षतिं नमामि राममीश्वरम् ॥ ५॥

 

जिन्होंने वानरों के साथ मित्रता की, समुद्र का पुल बाँधा और रावण के वंश का विनाश किया, उन परमेश्वर राम को मैं नमस्कार करता हूँ ॥ ५॥

 

विदीनदेवहर्षणं कपीप्सितार्थवर्षणम् ।

स्वबन्धुशोककर्षणं नमामि राममीश्वरम् ॥ ६॥

 

जो अति दीन देवताओं को प्रसन्न करनेवाले, वानरों की इच्छित कामनाओं को पूर्ण करनेवाले और अपने बन्धुओं का शोक शान्त करनेवाले हैं, उन परमेश्वर राम को मैं नमस्कार करता हूँ॥६॥

 

 

Shri Ramashtakam hindi lyrics with meaning

 

 

गतारिराज्यरक्षणं प्रजाजनार्तिभक्षणम् ।

कृतास्तमोहलक्षणं नमामि राममीश्वरम् ॥ ७॥

 

जो शत्रुहीन (निष्कण्टक) राज्य के पालक, प्रजाजन की भीति के भक्षक और मोह की निवृत्ति करनेवाले हैं, उन परमेश्वर राम को मैं नमस्कार करता हूँ॥७॥

 

हृताखिलाचलाभरं स्वधामनीतनागरम् ।

जगत्तमोदिवाकरं नमामि राममीश्वरम् ॥ ८॥

 

जिन्होंने सम्पूर्ण पृथ्वी का भार हरण किया है, जो सकल नगरनिवासियों को अपने धाम को ले गये तथा जो संसाररूप अन्धकार के लिये सूर्यरूप हैं, उन परमेश्वर राम को मैं नमस्कार करता हूँ॥ ८॥

 

इदं समाहितात्मना नरो रघूत्तमाष्टकम् ।

पठन्निरन्तरं भयं भवोद्भवं न विन्दते ॥ ९॥

 

जो पुरुष इस रामाष्टक को एकाग्रचित्त से निरन्तर पढ़ता है, उसे संसारजनित भय की प्राप्ति नहीं होती॥९॥

 

 

 

॥ इति श्रीपरमहंसस्वामिब्रह्मानन्दविरचितं श्रीरामाष्टकं सम्पूर्णम् ॥

 

 

 

Be a part of this Spiritual family by visiting more spiritual articles on:

The Spiritual Talks

For more divine and soulful mantras, bhajan and hymns:

Subscribe on Youtube: The Spiritual Talks

For Spiritual quotes , Divine images and wallpapers  & Pinterest Stories:

Follow on Pinterest: The Spiritual Talks

For any query contact on:

E-mail id: thespiritualtalks01@gmail.com..

 

 

 

 

 

By spiritual talks

Welcome to the spiritual platform to find your true self, to recognize your soul purpose, to discover your life path, to acquire your inner wisdom, to obtain your mental tranquility.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!