आनंद रामायण रामाष्टकं अर्थ सहित

Byspiritual talks

Aug 18, 2023 #ram ashtak hindi lyrics with meaning, #Ram Ashtakam, #Ram Ashtakam Hindi Lyrics, #Ramashtakam, #Ramashtakam hindi lyrics with meaning, #Shri Rama Ashtak, #Shri Rama Ashtakam, #Shri Ramashtakam hindi lyrics with meaning, #shriramchandram shat tam namami, #Sri Rama Ashtak, #Sri Rama Ashtakam with hindi meaning, #Sugreev Mitram Param Pavitram, #आनंद रामायण में वर्णित रामाष्टकं, #आनंद रामायण में वर्णित श्री शिवजी द्वारा श्रीराम की स्तुति, #आनंद रामायण रामाष्टकं अर्थ सहित, #ऋषि व्यास द्वारा रचित रामाष्टकं, #राम अष्टक, #राम अष्टकम के लाभ, #रामाष्टकं, #रामाष्टकं श्रीमदानन्दरामायणे, #रामाष्टकं हिंदी अर्थ सहित, #रामाष्टक|, #वाल्मीकि कृत रामाष्टकं |, #वाल्मीकि द्वारा रचित रामाष्टकं, #श्री राम अष्टकम हिंदी अर्थ सहित, #श्री रामाष्टक, #श्री रामाष्टकं हिंदी अर्थ सहित, #श्री रामाष्टकं हिंदी लिरिक्स, #श्रीरामचन्द्रं सततं नमामि, #सुग्रीवमित्रं परमं पवित्रं सीताकलत्रं नवमेघगात्रम्
आनंद रामायण में वर्णित रामाष्टकं

 

आनंद रामायण रामाष्टकं अर्थ सहित | श्री रामाष्टक| Sri Rama Ashtak| Sri Ramachandra Ashtakam – श्री रामचन्द्राष्टकम् | रामाष्टकम् हिंदी अर्थ सहित  | रामाष्टकं | Ramashtakam | Shri Ramashtakam | Ram Ashtakam | सुग्रीवमित्रं परमं पवित्रं सीताकलत्रं नवमेघगात्रम् | Sugreev Mitram Param Pavitram | श्रीरामचन्द्रं सततं नमामि | Shri Ramchandram Shat-tam Namami | Ramashtakam from Ananda Ramayana| आनंद रामायण में वर्णित रामाष्टकं | रामाष्टकं श्रीमदानन्दरामायणे | आनंद रामायण में वर्णित श्री शिवजी द्वारा श्रीराम की स्तुति 

 Subscribe on Youtube:The Spiritual Talks

Follow on Pinterest:The Spiritual Talks

 

 

Sri Rama Ashtak with meaning in hindi and english

 

 

श्रीराम भक्तों के सभी पापों को दूर करते हैं। श्री राम हमेशा अपने भक्तों को खुश करते हैं। वह अपने भक्तों के डर को दूर करते हैं।

 

 

आनंद रामायण रामाष्टकं

 

 

श्री रामाष्टकम् 

॥ अथ रामाष्टकम् ॥

 

श्रीशिव उवाच 

सुग्रीवमित्रं परमं पवित्रं सीताकलत्रं नवमेघगात्रम् ।

कारुण्यपात्रं शतपत्रनेत्रं श्रीरामचन्द्रं सततं नमामि ॥१॥

 

शिवजी बोले – सुग्रीव के मित्र , परम पावन , सीता के पति , मेघ के समान श्याम शरीर वाले , करुणा सिंधु और कमल के सदृश नेत्रों वाले श्री रामचंद्र को मैं निरंतर नमस्कार करता हूँ ।।1।।

 

 

आनंद रामायण रामाष्टकं अर्थ सहित

 

संसारसारं निगमप्रचारं धर्मावतारं हृतभूमिभारम् ।

सदाविकारं सुखसिन्धुसारं श्रीरामचद्रं सततं नमामि ॥२॥

 

इस संसार के सार , संसार सागर से भक्तों को पार करने वाले , वेदों का प्रचार करने वाले , धर्म के साक्षात अवतार , भू भार को हरण करने वाले ( पृथ्वी के भार को दूर करने वाले ) , अविकृत स्वरूप वाले ( सदैव विकारों से रहित ) और सुख के सर्वोत्तम सागर श्रीरामचन्द्र जी को मैं सदा नमस्कार करता हूँ ।।2।।

 

 

आनंद रामायण में वर्णित श्री शिवजी द्वारा श्रीराम की स्तुति 

 

 

लक्ष्मीविलासं जगतां निवासं लङ्काविनाशं भुवनप्रकाशम् ।

भूदेववासं शरदिन्दुहासं श्रीरामचन्द्रं सततं नमामि ॥३॥

 

जो माँ लक्ष्मी की प्रसन्नता का कारण , जगत का आधार , लंका के संहारक और जगत को प्रकाशित करने वाले हैं । जो पृथ्वी के देवताओं में निवास करते हैं और शरद ऋतु के चंद्रमा के समान मुस्कुराते हैं, उन रामचंद्र को मैं सदैव नमस्कार करता हूं।।3।।

 

 

Sri Ramachandra Ashtakam - श्री रामचन्द्राष्टकम्

 

मन्दारमालं वचने रसालं गुणैर्विशालं हतसप्ततालम् ।

क्रव्यादकालं सुरलोकपालं श्रीरामचन्द्रं सततं नमामि ॥४॥

 

मंदार की माला धारण करने वाले , रसीले वचन बोलने वाले , गुणों में महान , सात ताल वृक्षों का भेदन करने वाले , राक्षसों के काल तथा देवलोक के पालक श्री रामचंद्र को मैं सदा नमस्कार करता हूँ ।।4।।

 

 

रामाष्टकम् हिंदी अर्थ सहित 

वेदान्तगानं सकलैः समानं हृतारिमानं त्रिदशप्रधानम् ।

गजेन्द्रयानं विगतावसानं श्रीरामचन्द्रं सततं नमामि ॥५॥

 

वेदांत के गेय ( वेद / वेदांत जिनका गान करते हैं ) , सबके साथ समान बर्ताव करने वाले , शत्रु के मान का मर्दन करने वाले , गजेंद्र की सवारी करने वाले तथा अंतरहित श्री रामचंद्र जी को मैं सतत नमस्कार करता हूँ ।।5।।

 

Ramashtakam with meaning

 

श्यामाभिरामं नयनाभिरामं गुणाभिरामं वचनाभिरामम् ।

विश्वप्रणामं कृतभक्तकामं श्रीरामचन्द्रं सततं नमामि ॥६॥ 

 

श्यामरूप से मनोहर , नयनों से मनोहर , गुणों से मनोहर , ह्रदय ग्राही वचन बोलने वाले , विश्ववंदनीय और भक्तजनों की कामनाओं को पूरी करने वाले श्री रामचंद्र को मैं निरंतर प्रणाम करता हूँ ।।6।।

 

 

सुग्रीवमित्रं परमं पवित्रं सीताकलत्रं नवमेघगात्रम्

लीलाशरीरं रणरङ्गधीरं विश्वैकसारं रघुवंशहारम् ।

गम्भीरनादं जितसर्ववादं श्रीरामचन्द्रं सततं नमामि ॥७॥

 

लीलामात्र के लिए शरीर धारण करने वाले , रणस्थली में धीर , विश्वभर के एकमात्र सारभूत , रघुवंश में श्रेष्ठ , गंभीर वाणी बोलने वाले और समस्त वादों / तर्कों को जीतने वाले श्री रामचंद्र जी को मैं प्रतिक्षण नमस्कार करता हूँ ।।7।।

 

रामाष्टकं श्रीमदानन्दरामायणे

खले कृतान्तं स्वजने विनीतं सामोपगीतं मनसा प्रतीतम् ।

रागेण गीतं वचनादतीतं श्रीरामचन्द्रं सततं नमामि ॥८॥

 

दुष्टजनों के लिए कठोर ह्रदय वाले , अपने भक्तों के प्रति विनम्र भाव वाले , सामवेद जिनका गुणगान करते हैं , मनमात्र के विषय , प्रेम से गान करने योग्य तथा वचनों से ग्रहण करने लायक श्री रामचंद्र जी को मैं सर्वदा नमस्कार करता हूँ ।।8।।

 

आनंद रामायण में वर्णित रामाष्टकं

श्रीरामचन्द्रस्य वराष्टकं त्वां मयेरितं देवि मनोहरं ये ।

पठन्ति शृण्वन्ति गृणन्ति भक्त्या ते स्वीयकामान् प्रलभन्ति नित्यम् ॥९॥

 

हे देवी ! तुम्हारे प्रति कहे हुए श्री राम के इस सुन्दर अष्टक को जो मनुष्य भक्तिभाव से पढ़ेगा अथवा सुने – सुनाएगा वह अपनी अभिलिषित कामनाओं को नित्य प्राप्त करेगा ।।9।।

 

Ramashtakam from Ananda Ramayana

 

॥ इति शतकोटिरामचरितान्तर्गते श्रीमदानन्दरामायणे वाल्मीकीये सारकाण्डे युद्धचरिते द्वादशसर्गान्तर्गतं श्रीरामाष्टकं समाप्तम् ॥

 

 

श्री रामाष्टकं पढ़ने के लाभ 

 

श्री राम के इस सुन्दर अष्टक को जो मनुष्य भक्तिभाव से पढ़ेगा अथवा सुने – सुनाएगा वह अपनी अभिलिषित कामनाओं को नित्य प्राप्त करेगा। उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी । 

Be a part of this Spiritual family by visiting more spiritual articles on:

The Spiritual Talks

For more divine and soulful mantras, bhajan and hymns:

Subscribe on Youtube: The Spiritual Talks

For Spiritual quotes , Divine images and wallpapers  & Pinterest Stories:

Follow on Pinterest: The Spiritual Talks

For any query contact on:

E-mail id: thespiritualtalks01@gmail.com..

 

 

राम अष्टक

 

By spiritual talks

Welcome to the spiritual platform to find your true self, to recognize your soul purpose, to discover your life path, to acquire your inner wisdom, to obtain your mental tranquility.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!