Ek Shloki Ramayan | एक श्लोकी रामायण
Subscribe on Youtube: The Spiritual Talks
Follow on Pinterest: The Spiritual Talks
भगवान श्री राम के ग्रंथों में महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण और गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित रामचरितमानस अत्यंत महत्वपूर्ण ग्रन्थ हैं । इन दोनों के ही पाठ करने से पापों से मुक्ति मिलती है। परन्तु आज के व्यस्त जीवन शैली में लोगों के पास इतना समय नहीं है कि वे रामायण या रामचरित मानस का पाठ कर सकें। लेकिन सिर्फ एक मंत्र का विधि विधान से जाप करने से संपूर्ण रामायण का फल मिलता है। इस मंत्र को एक श्लोकी रामायण कहते हैं। इस एक मंत्र में सम्पूर्ण रामायण का सार है । अगर आप ने यह एक मंत्र का पाठ प्रतिदिन किया या सुना तो आपको सम्पूर्ण रामायण का फल मिलता है । इस मंत्र के जाप से सभी तरह की परेशानियां खत्म हो सकती हैं।
मंत्र
आदि राम तपोवनादि गमनं, हत्वा मृगं कांचनम्।
वैदीहीहरणं जटायुमरणं, सुग्रीव संभाषणम्।।
बालीनिर्दलनं समुद्रतरणं, लंकापुरीदाहनम्।
पश्चाद् रावण कुम्भकर्ण हननम्, एतद्धि रामायणम्।।
भावार्थ :
– एक बार श्रीराम वनवास में गए। वहां उन्होंने स्वर्ण मृग का पीछा किया और उसका वध किया।
– इसी दौरान उनकी पत्नी वैदेही (सीता जी) का रावण द्वारा हरण किया गया। उनकी रक्षा करते हुए पक्षीराज जटायु ने अपने प्राण गँवाए।
– श्रीराम की मित्रता सुग्रीव से हुई। उन्होंने उसके दुष्ट भाई बालि का वध किया। समुद्र पर पुल बनाकर पार किया।
– लंकापुरी का दहन हुआ। इसके पश्चात् रावण और कुम्भकरण का वध हुआ।
– यही पूरी रामायण की संक्षिप्त कहानी है।
Be a part of this Spiritual family by visiting more spiritual articles on:
For more divine and soulful mantras, bhajan and hymns:
Subscribe on Youtube: The Spiritual Talks
For Spiritual quotes , Divine images and wallpapers & Pinterest Stories:
Follow on Pinterest: The Spiritual Talks
For any query contact on:
E-mail id: thespiritualtalks01@gmail.com