कबीर हरि हरि सुमिरि ले, प्राण जायेंगे छूट।
घर के प्यारे आदमी, चलते लेंगे लूट।।
चेतावनी देते हुए कबीर दास जी कहते हैं कि हे प्राणी! भव सागर से पार उतारने वाली मांझी अन्तर्यामी, सर्वशक्तिमान परमात्मा का सुमिरन कर ले। यह सुअवसर तुम्हें बार बार नहीं मिलेगा नहीं तो शरीर से प्राण निकल जायेंगे और तू कुछ नहीं कर पायेगा और तब तेरे अपने घर के लोग तुम्हारे शरीर से गहने वस्त्र उतारकर एक कफन ओढ़ाकर श्मशान में ले जाकर जला देंगे।