कबीर कहा गरबियौ, ऊंचे देखि अवास ।
काल्हि परयौ भू लेटना ऊपरि जामे घास।
कबीर कहते है कि ऊंचे भवनों को देख कर क्या गर्व करते हो ? कल या परसों ये ऊंचाइयां और आप भी धरती पर लेट जाएंगे , ध्वस्त हो जाएंगे और ऊपर से घास उगने लगेगी । जो अभी हंसता खिलखिलाता घर आँगन है वो थोड़े समय में वीरान सुनसान हो जाएगा । इसलिए कभी गर्व न करना चाहिए।