आब गया आदर गया, नैनन गया सनेह।
यह तीनों तबही गये, जबहिं कहा कछु देह।।
अपनी आन चली गई, मान सम्मान भी गया और आंखों से प्रेम की भावना चली गयी। ये तीनों तब चले गये जब कहा कि कुछ दे दो अर्थात आप जब कभी किसी से कुछ मांगोगे। अर्थात् भिक्षा मांगने अपनी दृष्टि से स्वयं को गिराना है अतः भिक्षा मांगने जैसा त्याज्य कार्य कदापि न करो।