Gopal Kavach Sanskrit Lyrics | श्रीगोपालकवचम् || श्री गोपाल कवचम | नारद पंचरात्रे ज्ञानामृतसारे चतुर्थरात्रे श्रीगोपालकवचं | नारद पंचरात्र में वर्णित श्री गोपाल कवच | गोपाल कवच | श्री गोपाल कवचं | श्री गोपाल कवच | भगवान शिव के द्वारा माता पार्वती को सुनाया गया गोपाल कवच | Gopal Kavach | Shri Gopal Kavach | Gopala Kavacham | Shri Gopal Kavacham | Gopal Kavach Benefits | Gopal Kavach mentioned in Narad Paanchratra | Shri Gopal Kavach in Narad Pancharatra | Gopal Kavach told by Lord Shiva to Goddess Parvati | Gopala Kavach | गोपाला कवच |Shri Gopal Kavacham in Sanskrit| गोपाल कवच पाठ के लाभ
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श्री गोपाल कवच माता पार्वती जी को भगवान शिव के द्वारा सुनाया गया था । यह कवच श्री कृष्ण जी को समर्पित है । ग्रहों के बुरे प्रभाव को समाप्त करने के लिए इस कवच का पाठ अवश्य करें । ये कवच आपको बड़ी से बड़ी मुसीवत से बचाता है। जो भक्त प्रतिदिन श्री गोपाल कवचम् का पाठ करता है, वह अपने सभी संकटों से मुक्त हो जाता है और उसके शत्रुओं द्वारा डाली गयी बाधाओं पर विजय प्राप्त करता है ।
॥ श्रीगणेशाय नमः ॥
श्रीमहादेव उवाच ॥
अथ वक्ष्यामि कवचं गोपालस्य जगद्गुरोः ।
यस्य स्मरणमात्रेण जीवनमुक्तो भवेन्नरः ॥ १ ॥
श्रृणु देवि प्रवक्ष्यामि सावधानावधारय ।
नारदोऽस्य ऋषिर्देवि छंदोऽनुष्टुबुदाह्रतम् ॥ २ ॥
देवता बालकृष्णश्र्च चतुर्वर्गप्रदायकः ।
शिरो मे बालकृष्णश्र्च पातु नित्यं मम श्रुती ॥ ३ ॥
नारायणः पातु कंठं गोपीवन्द्यः कपोलकम् ।
नासिके मधुहा पातु चक्षुषी नंदनंदनः ॥ ४ ॥
जनार्दनः पातु दंतानधरं माधवस्तथा ।
ऊर्ध्वोष्ठं पातु वाराहश्र्चिबुकं केशिसूदनः ॥ ५ ॥
ह्रदयं गोपिकानाथो नाभिं सेतुप्रदः सदा ।
हस्तौ गोवर्धनधरः पादौ पीतांबरोऽवतु ॥ ६ ॥
करांगुलीः श्रीधरो मे पादांगुल्यः कृपामयः ।
लिंगं पातु गदापाणिर्बालक्रीडामनोरमः ॥ ७ ॥
जग्गन्नाथः पातु पूर्वं श्रीरामोऽवतु पश्र्चिमम् ।
उत्तरं कैटभारिश्र्च दक्षिणं हनुमत्प्रभुः ॥ ८ ॥
आग्नेयां पातु गोविंदो नैर्ऋत्यां पातु केशवः ।
वायव्यां पातु दैत्यारिरैशान्यां गोपनंदनः ॥ ९ ॥
ऊर्ध्वं पातु प्रलंबारिरधः कैटभमर्दनः ।
शयानं पातु पूतात्मा गतौ पातु श्रियःपतिः ॥ १० ॥
शेषः पातु निरालम्बे जाग्रद्भावे ह्यपांपतिः ।
भोजने केशिहा पातु कृष्णः सर्वांगसंधिषु ॥ ११ ॥
गणनासु निशानाथो दिवानाथो दिनक्षये ।
इति ते कथितं दिव्यं कवचं परमाद्भुतम् ॥ १२ ॥
यः पठेन्नित्यमेवेदं कवचं प्रयतो नरः ।
तस्याशु विपदो देवि नश्यंति रिपुसंधतः ॥ १३ ।
अंते गोपालचरणं प्राप्नोति परमेश्र्वरि ।
त्रिसंध्यमेकसंध्यं वा यः पठेच्छृणुयादपि ॥ १४ ॥
तं सर्वदा रमानाथः परिपाति चतुर्भुजः ।
अज्ञात्वा कवचं देवि गोपालं पूजयेद्यदि ॥ १५ ॥
सर्व तस्य वृथा देवि जपहोमार्चनादिकम् ।
सशस्रघातं संप्राप्य मृत्युमेति न संशयः ॥ १६ ॥
॥ इति नारदपंचरात्रे ज्ञानामृतसारे चतुर्थरात्रे श्रीगोपालकवचं संपूर्णम् ॥
Gopal Kavacham benefits
गोपाल कवच पाठ के लाभ
प्रतिदिन इस कवच का पाठ करने से घर में सुख शांति बनी रहती है।
गोपाल कवच बुरी आत्माओं से सुरक्षा प्रदान करता है।
ये कवच आपके शरीर की सभी प्रकार के रोगों से रक्षा करता है ।
इस कवच से ग्रहों की बुरी से बुरी दशा से छुटकारा मिल जाता है ।
इस कवच से शत्रुओं पर विजय प्राप्त की जा सकती है ।
इस कवच से शारीरिक कष्ट दूर हो जाते हैं ।
इस कवच से सभी प्रकार की बाधाएं समाप्त हो जाती हैं ।
श्री गोपाल कवच माता पार्वती जी को भगवान शिव के द्वारा सुनाया गया था । यह कवच श्री कृष्ण जी को समर्पित है । ग्रहों के बुरे प्रभाव को समाप्त करने के लिए इस कवच का पाठ अवश्य करें । ये कवच आपको बड़ी से बड़ी मुसीवत से बचाता है। जो भक्त प्रतिदिन श्री गोपाल कवचम् का पाठ करता है, वह अपने सभी संकटों से मुक्त हो जाता है और उसके शत्रुओं द्वारा डाली गयी बाधाओं पर विजय प्राप्त करता है ।
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