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Sant Kabir Ke Dohe Part 1

 

 

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कुटिल वचन सबसे बुरा, जा से होत न चार ।

साधू वचन जल रूप है, बरसे अमृत धार ।

 

कबीर दास जी कहते हैं कि कटु वचन बहुत बुरे होते हैं और उनकी वजह से पूरा बदन जलने लगता है। जबकि मधुर वचन शीतल जल की तरह हैं और जब बोले जाते हैं तो ऐसा लगता है कि अमृत बरस रहा है। कड़वे बोल बोलना सबसे बुरा काम है, कड़वे बोल से किसी बात का समाधान नहीं होता। वहीं सज्जन विचार और बोल अमृत के समान हैं।

 

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