Tag: मेघैर्मेदुरमम्बरं वनभुवः श्यामास्तमालद्रुमै- र्नक्तं भीरुरयं त्वमेव तदिमं राधे गृहं प्रापय ।

गीत गोविन्द हिंदी लिरिक्स

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