Yugalashtakam Hindi Lyrics with meaning-युगलाष्टकम | ” जीवने निधने नित्यं ” श्रीला जीव गोस्वामी द्वारा रचित युगल गीत | युगलाष्टकम | युगल अष्टकम | युगलाष्टकम हिंदी में | श्री जीव गोस्वामी द्वारा रचित युगलाष्टकम | युगलाष्टकम हिंदी में अर्थ सहित | युगलाष्टक | युगलाष्टकम हिंदी लिरिक्स | कृष्ण प्रेममयी राधा। राधाप्रेममयो हरिः । | राधाकृष्णगतिर्मम | जीवन निधन नित्यं | युगल गीत | कृष्ण स्तोत्र | राधा कृष्ण स्तुति | राधा कृष्ण अष्टकम | Yugalashtakam | Yugal Ashtakam |
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श्रील जीव गोस्वामी ने ” कृष्ण प्रेममयी राधा ” गीत की रचना दिव्य युगल “श्री राधा कृष्ण” की महिमा का वर्णन करते हुए की है। यह गीत श्री युगलाष्टकम पुस्तक से लिया गया है। 8 छंदो का यह गीत अत्यंत मधुर है।
कृष्ण प्रेममयी राधा।
राधा प्रेममयो हरिः ।
जीवने निधने नित्यं
राधाकृष्णगतिर्मम ॥ १ ॥
श्रीराधारानी श्रीकृष्ण प्रेम से ओत-प्रोत हैं और श्रीहरि श्रीराधारानी के प्रेम से ओत-प्रोत हैं।
जीवन में या मृत्यु में, राधा और कृष्ण मेरे शाश्वत आश्रय हैं॥ १ ॥
कृष्णस्य द्रविणं राधा।
राधायाः द्रविणं हरिः ।
जीवने निधने नित्यं
राधाकृष्णगतिर्मम ॥ २ ॥
श्रीकृष्ण का धन श्रीराधारानी जी हैं और श्रीराधारानी जी का धन श्रीहरि हैं।
जीवन में या मृत्यु में, राधा और कृष्ण मेरे शाश्वत आश्रय हैं॥ २ ॥
कृष्णप्राणमयी राधा।
राधाप्राणमयो हरिः ।
जीवने निधने नित्यं
राधाकृष्णगतिर्मम ॥ ३ ॥
श्रीकृष्ण के प्राण श्रीराधारानी जी में बसते हैं और श्रीराधारानी जी के प्राण श्रीहरि में बसते हैं ।
जीवन में या मृत्यु में, राधा और कृष्ण मेरे शाश्वत आश्रय हैं ॥ ३ ॥
कृष्णद्रवामयी राधा ।
राधा द्रवामयो हरिः ।
जीवने निधने नित्यं
राधाकृष्णगतिर्मम ॥ ४ ॥
श्रीकृष्ण के नाम से श्रीराधारानी जी द्रवित होती हैं और श्रीराधारानी जी के नाम से श्रीहरि द्रवित होते हैं।
जीवन में या मृत्यु में, राधा और कृष्ण मेरे शाश्वत आश्रय हैं ॥ ४ ॥
Yugalashtakam Hindi Lyrics with meaning
कृष्ण गेहे स्थित राधा।
राधा गेहे स्थितो हरिः ।
जीवने निधने नित्यं
राधाकृष्णगतिर्मम ॥ ५ ॥
श्रीकृष्ण के हृदय में श्रीराधारानी जी स्थित हैं और श्रीराधारानी जी के हृदय में श्रीहरि स्थित हैं ।
जीवन में या मृत्यु में, राधा और कृष्ण मेरे शाश्वत आश्रय हैं ॥ ५ ॥
कृष्णचित्तस्थित राधा ।
राधाचित्स्थितो हरिः ।
जीवने निधने नित्यं
राधाकृष्णगतिर्मम ॥ ६ ॥
श्रीकृष्ण के मन में श्रीराधारानी जी स्थित हैं और श्रीराधारानी जी के मन में श्रीकृष्ण स्थित हैं।
जीवन में या मृत्यु में, राधा और कृष्ण मेरे शाश्वत आश्रय हैं ॥ ६ ॥
नीलाम्बर धरा राधा ।
पीताम्बर धरो हरिः ।
जीवने निधने नित्यं
राधाकृष्णगतिर्मम ॥ ७ ॥
श्रीराधारानी जी नीले वस्त्र धारण करती हैं और श्रीहरि पीले वस्त्र धारण करते हैं।
जीवन में या मृत्यु में, राधा और कृष्ण मेरे शाश्वत आश्रय हैं ॥७।।
वृन्दावनेश्वरी राधा ।
कृष्णो वृन्दावनेश्वरः ।
जीवने निधने नित्यं
राधाकृष्णगतिर्मम ॥ ८ ॥
वृन्दावन की ईश्वरी हैं श्रीराधारानी जी और वृन्दावन के ईश्वर हैं श्रीकृष्ण ।
जीवन में या मृत्यु में, राधा और कृष्ण मेरे शाश्वत आश्रय हैं ॥८॥
Yugalashtakam Hindi Lyrics with meaning
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