कठोपनिषद् प्रथम अध्याय
अध्याय १
प्रथम अध्याय सार
इस अध्याय में नचिकेत अपने पिता द्वारा प्रताड़ित किये जाने पर यम के यहाँ पहुंचता है और यम की अनुपस्थिति में तीन दिन तक भूखा-प्यास यम के द्वार पर बैठा रहता है। तीन दिन बाद जब यम लौटकर आते हैं, तब उनकी पत्नी उन्हें ब्राह्मण बालक अतिथि के विषय में बताती है। यमराज बालक के पास पहुंचकर अपनी अनुपस्थिति के लिए नचिकेता से क्षमा मांगते हैं और उसे इसके लिए तीन वरदान देने की बात कहते हैं। वे उसे उचित सम्मान देकर व भोजन आदि कराके भी सन्तुष्ट करने का प्रयत्न करते हैं। तदुपरान्त नचिकेता द्वारा वरदान मांगने पर ‘अध्यात्म’ के विषय में उसकी जिज्ञासा शान्त करते हैं।