करैं बुराई सुख चहैं, कैसे पावै कोय।
रोपै पेड़ बबूल का, आम कहां ते होय।।
जो बुरा कार्य करके भलाई पाने की इच्छा रखता हो उससे बड़ा इस संसार में अन्य कोई मूर्ख नहीं है। स्वयं विचार करें कि बबूल का बीज बोने पर बबूल ही उत्पन्न होगा, वह आम नहीं हो सकता।
करैं बुराई सुख चहैं, कैसे पावै कोय।
रोपै पेड़ बबूल का, आम कहां ते होय।।
जो बुरा कार्य करके भलाई पाने की इच्छा रखता हो उससे बड़ा इस संसार में अन्य कोई मूर्ख नहीं है। स्वयं विचार करें कि बबूल का बीज बोने पर बबूल ही उत्पन्न होगा, वह आम नहीं हो सकता।