लूट सके तो लूट ले, राम नाम की लूट।
पाछे फिर पछ्ताओगे, प्राण जाहि जब छूट॥
कबीर दास जी कहते हैं कि अभी राम नाम की लूट मची है, अभी तुम भगवान् का जितना नाम लेना चाहो ले लो। नहीं तो समय निकल जाने पर, अर्थात मर जाने के बाद पछताओगे कि मैंने तब राम भगवान् की पूजा क्यों नहीं की।