तिमिर गया रवि देखते, कुमति गयी गुरू ज्ञान।
सुमति गयी अति लोभते, भक्ति गयी अभिमान।।
जिस प्रकार सूर्य के उदय होते ही अंधकार नष्ट हो जाता है उसी प्रकार सदगुरू के ज्ञान रूपी उपदेश से कुबुद्धि नष्ट हो जाती है। अधिक लोभ करने से बुद्धि नष्ट हो जाती है। और अभिमान करने से भक्ति का नाश हो जाता है अतः लोभ आदि से बचकर रहना ही श्रेयस्कर है।