पाछे दिन पाछे गए हरि से किया न हेत ।
अब पछताए होत क्या, चिडिया चुग गई खेत ।
कबीर दास जी कहते हैं कि बीता समय निकल गया, आपने ना ही कोई परोपकार किया और ना ही ईश्वर का ध्यान किया। अब पछताने से क्या होता है, जब चिड़िया चुग गयी खेत। अर्थात देखते ही देखते सब भले दिन यानि अच्छा समय बीतता चला गया । तुमने प्रभु से लौ नहीं लगाई , उनसे प्रेम नहीं किया फिर समय बीत जाने पर पछताने से क्या मिलेगा? पहले जागरूक न थे ठीक उसी तरह जैसे कोई किसान अपने खेत की रखवाली ही न करे और देखते ही देखते पंछी उसकी फसल बर्बाद कर जाएं।