तन को जोगी सब करे, मन को विरला कोय ।
सहजे सब सिधि पाइए, जो मन जोगी होए ।
हम सभी हर रोज़ अपने शरीर को साफ़ करते हैं लेकिन मन को बहुत कम लोग साफ़ करते हैं । जो इंसान अपने मन को साफ़ करता है, वही हर मायने में सच्चा इंसान बन पाता है । अर्थात शरीर में भगवे वस्त्र धारण करना सरल है, पर मन को योगी बनाना बिरले ही व्यक्तियों का काम है । यदि मन योगी हो जाए तो सारी सिद्धियाँ सहज ही प्राप्त हो जाती हैं।