Kabirdas ke Dohe Part 4 with hindi meaning

 

 

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पढ़ी पढ़ी के पत्थर भया लिख लिख भया जू ईंट ।

कहें कबीरा प्रेम की लगी न एको छींट।

 

ज्ञान से बड़ा प्रेम है । बहुत ज्ञान हासिल करके यदि मनुष्य पत्थर सा कठोर हो जाए, ईंट जैसा निर्जीव हो जाए तो क्या पाया? यदि ज्ञान मनुष्य को रूखा और कठोर बनाता है तो ऐसे ज्ञान का कोई लाभ नहीं। जिस मानव मन को प्रेम  ने नहीं छुआ, वह प्रेम के अभाव में जड़ हो रहेगा। प्रेम की एक बूँद, एक छींटा भर जड़ता को मिटाकर मनुष्य को सजीव बना देता है।

 

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